अययाम ए फतमिया नजर गंज , जगदीशपुर | जाकिर ए एहलेबैत एस एम मासूम जगदीशपुर अमेठी: पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) की बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ)...
अययाम ए फतमिया नजर गंज , जगदीशपुर | जाकिर ए एहलेबैत एस एम मासूम
जगदीशपुर अमेठी: पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) की बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) की शहादत के मौक़े पर अय्याम ए फातिमा की पांच रोज़ा मजलिस का हर साल की तरह इस साल भी इमामबाड़ा नजरगंज , जगदीशपुर में आयोजन हुआ।
जाकिर ए एहलेबैत एस एम मासूम
इन मजलिसों को खिताब किया जौनपुर के जाकिर ए एहलेबैत सैयद मोहम्मद मासूम ने जिसमे उन्होंने बताया
हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) का जीवन महिलाओं के लिए सर्वोत्तम आदर्श है। जिस तरह अल्लाह ने अपने रसूल (स.अ.व) को लोगों का मार्गदर्शन करने के लिए भेजा था, उसी तरह हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) को भी इंसानों के विकास और मार्गदर्शन के लिए भेजा था। विशेष रूप से आपका पवित्र चरित्र महिलाओं के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसकी पैरवी निजात की ज़ामिन है। मौलाना ने कहा कि आज के तरक़्क़ी याफ्ता दौर में लोग महिलाओं की आज़ादी और उनके अधिकारों की बात कर रहे हैं और लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसे लोग इस्लामी शिक्षाओं पर ग़ौर नहीं करते क्योंकि इस्लाम ने शुरुआत से ही महिलाओं के अधिकारों पर बात की है। मौलाना ने कहा कि इस्लाम महिलाओं को पूरी आज़ादी देता है, मगर आवश्यकता है की आज फातिमा जहरा की सीरत को देखते हुए आज़ादी की परिभाषा तय करे। मौलाना ने तक़रीर के दौरान हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) की सीरत पर गुफ़्तुगू करते हुए कहा कि इस दौर में हमारे लिए ज़रूरी है कि हम हज़रत ज़हरा (स.अ) की ज़िन्दगी और उनकी सीरत को अपनों और दूसरों तक पहुंचाएं ताकि बीबी (स.अ) के किरदार के बारे में लोगों को पता चले।
जाकिर ए एहलेबैत एस एम मासूम
पैगंबर ए इस्लाम की बेटी फातिमा जहरा का किरदार महिलाओं के लिए नमूना ए अमल है जिसपे चलते हुए महिलाएं अपनी नस्लों की बेहतरीन तरबियत कर सकती है, अच्छी पत्नी मां और बेटी बन सकती हैं।
मजलिस के अंत में मौलाना एस एम मासूम ने फातिमा जहरा की शहादत और उनपे हुए जुल्म को लोगों को बताया जिसे सुन के लोगों की आंखों में आंसू आ गए।
मजलिस में बड़ी तादात में लोगों ने शिरकत किया और जनाब ए फातिमा को याद करके नोहा और मातम किया।