नौरोज़ 2023 और ईद ऐ ग़दीर की बहुत बहुत मुबारकबाद
नौरोज़ 2023 और ईद ऐ ग़दीर की बहुत बहुत मुबारकबाद
नवरोज़ फ़ारसी भाषा का शब्द है जिसका का मतलब होता है नया दिन या साल का पहला दिन। यह त्योहार आम तौर से ईरान,अफ़ग़ानिस्तान, क़ज़ाकिस्तान, आज़रबायजान, क्रिगिज़िस्तान, ताजिकस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, कुर्दिस्तान समेत ईराक़, तुर्की और शाम के कई इलाक़ों में मनाया जाता है।
२१ मार्च 2023 नौरोज़ है जो की ईरान का नया साल है |इस वर्ष का रंग लाल है और सवारी सांप है और इस सवारी और रंग का सम्बन्ध इल्म ऐ नुजूम से है जिसके मुकम्मल इल्म ना होने की वजह से इस पे अधिक यकीन करना मूर्खता ही कही जाएगी। भारतवर्ष में इस ईरानी नववर्ष को मनाने की शुरुआत बलबन ने (1266 -1287 ) ने की थी जिसे मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब (658 to 1707) ने ख़त्म कर दिया |
ईरान में नवरोज़ के कैलेंडर को शमसी कैलेंडर कहा जाता था जो पारसियों के 365 दिनों के वर्ष पर आधारित यह कैलेंडर 650 वर्ष ईसा पूर्व से शुरू होता था। इस दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है और रात दिन बराबर हो जाते हैं। ईरानियों का पहला महीना अर्थात फरवरदीन इसी दिन से शुरू होता है।
शिया मुसलमानो के अनुसार ईद ऐ ग़दीर 21 मार्च के दिन हुयी थी इसलिए वे आज के दिन ख़ुशी मनाते और नज़्रर देते हैं और साथ में ईरानी नए साल का तरीक़ा भी इसमें शामिल हो गया है जैसे मिठाई नज़र देंगे तो उस साल के रंग के अनुसार | कहा जाता है कि वो 21 मार्च का दिन होगा जब इमाम ए जमान दज्जाल को मारेंगे। यह वो दिन भी है जब हजरत आदम दुनिया में आय।
यह त्योहार मौसम ए बहार वसंत के आने का प्रतीक होता है। सर्दियां खत्म हो रही होती है और कभी यह दस्तूर था की लोग 21 मार्च से पहले आंगन में नहीं सोते थे।
वक्त ए तहवील इस साल 2:56 AM मिनट है और इसी वक्त नज़र मौला अली अलैहिस्सलाम दी जाती है । मशहूर है की इस वक्त पानी में गुलाब का फूल डाल दिया जाता है जो वक्त ए तहवील घूमने लगता है कुछ लोग एक बर्तन में पानी भर कर उसमें गुलाब के दो फूल डालते हैं, कहते हैं सूरज जिस समय मेष राशि में प्रवेश करता है तो यह दोनों फूल आपस में मिल जाते हैं इसको वक्त ए तहवील क़्हा जाता है। इसी पानी को नज़्र के बाद घरोंऔर के कोनों में और परिवार के सदस्यों के चेहरों पर छिड़का जाता है ताकि साल भर घर में सुख शांति रहे।
इस दिन की फजीलत इस्लाम में भी है और इस दिन की। मखसूस नमाज़ें भी हैं। आयतुल्ला सीस्तानी ने आज घुस्ल को मुस्तहब बताया है और मखसूस अमाल आज के दिन के लिए बताए गए हैं।
बहरहाल इल्म ए नुजूम से जुड़ी चीजों को नजरंदाज करते हुए इसे मनाना चाहिए और यकीनन जिनका नया साल है उन्हे मुबारकबाद देना एक नेक अमल है।
एस एम मासूम



